सरल फलित ज्योतिष सीखे

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“ज्योतिष सीखें” नामक इस पाठ्यक्रम में आप केवल 2 मिनट में ज्योतिष ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिष सीखें – पाठ्यक्रम में आपको ज्योतिष शास्त्र के बारे में बताया जाएगा। ज्योतिष सीखने के इस पाठ्यक्रम में आपको बहुत सहज और सरल भाषा में ज्योतिष ज्ञान को सिखाया जाएगा। आइये जानते हैं ज्योतिष विद्या सीखने के कुछ बेहद आसान तरीके…

 

 

क्यों होती है ज्योतिष विद्या सीखने की आवश्यकता?

वैदिक काल में हमारे ऋषि मुनियों ने 4 वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) की रचना की थी। इन वेदों को जानने के लिए उन्होंने 6 वेदांगो की रचना की। इनमें शिक्षा, कल्प, व्याकरण, छंद, निरूक्त के साथ-साथ ज्योतिष भी आता है। ज्योतिष शास्त्र एक वैदिक कालीन विद्या है, जिसमें ग्रहों की चाल और प्रभाव से मनुष्य के भविष्यफल का अध्ययन किया जाता है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु को नवग्रहों की मान्यता दी गई है। ये सभी ग्रह गोचर करते हुए प्रत्येक राशि में कुछ समय काल के लिए विराजमान हो जाते हैं और इन्हीं के प्रभाव के विश्लेषण से प्रत्येक कुंडली के राशिफल की गणना की जाती है। ज्योतिष में जन्म कुंडली हमेशा से ही हर व्यक्ति के लिए उत्सुकता का विषय रहा है। क्योंकि जन्म कुंडली में हर जातक के जीवन का सार छुपा होता है। जन्म कुंडली कैसे बनाए या जन्म कुंडली की विधि जानना मुश्किल काम नहीं है।

अगर आप ज्योतिष विद्या सीखना चाहते हैं, इनमें यदि आप जन्म कुंडली बनाना, वैवाहिक कुंडली मिलान करना, राशिफल तैयार करना आदि कार्यों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारा यह ज्योतिष सीखें पाठ्यक्रम आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा। इसमें कुंडली बनाने की संपूर्ण एवं सरल विधि, कुंडली कैसे बनाये, फलादेश और ग्रह गोचर के अध्ययन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।

आजकल इंटरनेट पर कई तरह के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर मौजूद हैं जिनकी मदद से जन्म कुंडली बनाई जा सकती है, लेकिन कुंडली में ग्रहों के अध्ययन और उनसे मिलने वाले शुभ और अशुभ फल के बारे में आप तभी जान सकते हैं जब आपको ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान होगा। आप हमारे इस कोर्स में जन्म कुंडली बनाने की आसान विधि तथा उसमें ग्रहों का फल भी ज्ञात कर सकेंगे। ज्योतिष के माध्यम से व्यक्ति के जीवन का सार जाना जा सकता है।

यदि ज्योतिष के महत्व की बात करें तो, इस भाग दौड़ भरी दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है। कोई व्यक्ति अपनी पारिवारिक समस्या को लेकर परेशान है तो किसी व्यक्ति का प्रेम उससे रूठ गया है। ऐसे ही किसी जातक को नौकरी नहीं मिल रही है तो कोई अपने विवाह में देरी के कारण परेशान है। ऐसे में लोगों की समस्त परेशानियों का इलाज ज्योतिष ज्ञान के माध्यम से किया जा सकता है।

ज्योतिष विद्या के माध्यम से न केवल आपको भविष्य की जानकारी मिलती है, बल्कि इसमें कष्ट के निवारण के लिए ज्योतिषीय उपाय भी बताए जाते हैं। यदि आप इन उपाय को विधि पूर्वक अपनाते हैं तो आपकी हर समस्या का समाधान हो जाता है। इन सभी चीज़ों को गंभीरता से सोचें तो हमें ज्योतिष सीखने का वास्तविक महत्व अच्छे से समझ में आ जाएगा।

ज्योतिष सीखें कोर्स के बारे में

सांसारिक जीवन में व्यक्ति स्वयं को लेकर इतना जिज्ञासु नहीं होता, जितना की वह अपने घर परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों एवं अन्य लोगों के बारे में सोचता है। वह सदैव दूसरों की आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से मोह-माया के चक्र में खुद को फँसा पाता है। परंतु जब व्यक्ति आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ता है तो वह स्वयं के अस्तित्व का कारण खोजता है। वह जानना चाहता है कि उसके जन्म का वास्तविक उद्देश्य क्या है?

वैदिक शास्त्रों के अनुसार, ज्योतिष विद्या के माध्यम से ही यह ज्ञात होता है कि व्यक्ति के इस संसार में आने के मायने क्या हैं। किस कार्य के लिए उसका जन्म हुआ है। ज्योतिष विज्ञान के द्वारा व्यक्ति को उसके सवालों का जवाब मिलता है। इसलिए इस पाठ्यक्रम से हमारा उद्देश्य अपने पाठकों को ज्योतिष ज्ञान से अवगत कराना है और यह संभव तभी हो पाएगा, जब आप हमारा ज्योतिष सीखें कोर्स को गंभीरता से लेंगे।

ज्योतिष सीखें पाठ्यक्रम 26 भागों में हैं विभाजित

ज्योतिष सीखें पाठ्यक्रम को 26 भागों में विभाजित किया गया है। इसकी भाषा बहुत सहज और सरल है जिसे कोई भी हिन्दी भाषी आसानी से समझ सकता है। सबसे पहले इस पाठ्यक्रम में एक से लेकर चौथे भाग तक ग्रहों से संबंधित बातें बतायी गई हैं। उसके बाद भाग 8, 9, 10 भी ग्रहों से संबंधित हैं।

वहीं कोर्स के भाग 5 में राशियों से संबंधित विषय को बताया गया है। वहीं भाग 6 और 7 में क्रमशः कुंडली और उसमें स्थित भाव के बारे में जानकारी दी गई है। इसी प्रकार कौन-सा भाग किससे संबंधित उसके सम्मुख उस बारे में लिखा गया है। इस कोर्स में उपयोग की गई सभी जानकारी  को ज्योतिषाचार्य और ॐ एस्ट्रो के संस्थापक आचार्य ओम त्रिवेदी के द्वारा बनाया गया है जो कि आधुनिक युग के ज्योतिषी हैं।

हम यह दावा तो नहीं करते कि आप हमारे ज्योतिष सीखें पाठ्यक्रम से एक कुशल ज्योतिषी बन जाएंगे, परंतु इतना तो हमे विश्वास है कि इसके माध्यम से आपको ज्योतिष का आधार-भूत ज्ञान अवश्य हो जाएगा। यदि आप इस कोर्स को गंभीरता से सीखेंगे तो आप किसी की कुंडली में ग्रहों की स्थिति के माध्यम से उसका फलादेश तक सही बता सकते हैं। वर और वधु की वैवाहिक कुंडली को देखकर उनकी अनुकूलता को भी आप बता आने में सक्षम होंगे।

हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह ज्योतिषीय ज्ञान से संबंधित ज्योतिष सीखें कोर्स पसंद आएगा।

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Course Content

ज्योतिष सीखें

  • ग्रह: ज्योतिष सीखें (भाग-1)
  • शुभ और अशुभ ग्रह: ज्योतिष सीखें (भाग-2)
  • स्वभाव और कारकत्व (भाग-एक ): ज्योतिष सीखें (भाग-3)
  • स्वभाव और कारकत्व(भाग-दो): ज्योतिष सीखें (भाग-4)
  • राशियाँ: ज्योतिष सीखें (भाग-5)
  • कुंडली कैसे बनाएँ: ज्योतिष सीखें (भाग-6)
  • भाव के कारकत्व: ज्योतिष सीखें (भाग-7)
  • उच्च और नीच ग्रह: ज्योतिष सीखें (भाग-8)
  • ग्रहों की मित्रता और शत्रुता: ज्योतिष सीखें (भाग-9)
  • युति और दृष्टि: ज्योतिष सीखें (भाग-10)
  • भविष्यवाणी करने के पंद्रह सूत्र: ज्योतिष सीखें (भाग-11)
  • पंद्रह सूत्रों की व्याख्या: ज्योतिष सीखें (भाग-12)
  • सफलता और समृद्धि के योग: ज्योतिष सीखें (भाग-13)
  • कुंडली में राजयोग: ज्योतिष सीखें (भाग-14)
  • धन योग और दरिद्र योग: ज्योतिष सीखें (भाग-15)
  • राजयोग रहस्य कुंडली: ज्योतिष सीखें (भाग-16)
  • राजयोग भंग कुंडली: ज्योतिष सीखें (भाग-17)
  • नक्षत्र: ज्योतिष सीखें (भाग-18)
  • दशाफल: ज्योतिष सीखें (भाग-19)
  • दशाफल उदाहरण: ज्योतिष सीखें (भाग-20)
  • गोचरफल: ज्योतिष सीखें (भाग-21)
  • षोडशवर्ग: ज्योतिष सीखें (भाग-22)
  • भाव चलित: ज्योतिष सीखें (भाग-23)
  • कारक सिद्धांत: ज्योतिष सीखें (भाग-24)
  • सदृश सिद्धांत: ज्योतिष सीखें (भाग-25)
  • स्‍वामित्‍व सिद्धान्‍त: ज्योतिष सीखें (भाग-26)

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