वैदिक गणेश अम्बिका पूजन

Categories: Vedic Anushthan
Wishlist Share
Share Course
Page Link
Share On Social Media

About Course

वैदिक गणेश अंबिका पूजन एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है, जिसमें भगवान गणेश और माता अंबिका (दुर्गा/पार्वती) की पूजा की जाती है। यह पूजन विशेष रूप से शुभ कार्यों की सफलता, परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है।

वैदिक गणेश अंबिका पूजन का महत्व:

  1. गणेश पूजन – भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और शुभ कार्यों के प्रारंभकर्ता माना जाता है। वे बुद्धि, समृद्धि और सुख-शांति के दाता हैं।

  2. अंबिका पूजन – माता अंबिका, देवी पार्वती का ही एक रूप हैं, जो शक्ति, करुणा और रक्षा की देवी मानी जाती हैं। वे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाती हैं।

  3. ग्रह दोष शांति – यह पूजन विशेष रूप से अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करने और जीवन में शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है।

  4. संतान सुख – यह पूजन संतान प्राप्ति और संतान की रक्षा के लिए भी किया जाता है।

पूजन विधि:

  1. संकल्प – पूजन से पहले संकल्प लिया जाता है, जिसमें पूजा करने वाले व्यक्ति का नाम, गोत्र और उद्देश्य बताया जाता है।

  2. गणेश पूजन – भगवान गणेश की स्थापना करके, पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से पूजा की जाती है।

  3. अंबिका पूजन – देवी अंबिका की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर, मंत्रोच्चारण के साथ उनकी पूजा की जाती है।

  4. हवन – विशेष मंत्रों के साथ अग्निहोत्र (हवन) किया जाता है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

  5. प्रसाद वितरण – पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।

उपयुक्त अवसर:

  • विवाह, गृह प्रवेश, नवरात्रि, गणेश चतुर्थी, संतान प्राप्ति हेतु, ग्रह दोष निवारण आदि के लिए यह पूजन किया जाता है।

  • विशेष रूप से यह उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जिनके जीवन में बार-बार बाधाएँ आ रही हों।

अगर आप इस पूजन को करवाना चाहते हैं, तो किसी अनुभवी पुरोहित से परामर्श लेकर विधिपूर्वक इसे संपन्न कर सकते हैं। 🚩

Show More

Course Content

भाग – 1 शुभारम्भ

  • देवकर्म में विचारणीय तथ्य
    10:56
  •  अथ प्रायश्चित्त संकल्पः 
    18:03
  •  अथ दशविधि स्नान 
    43:46
  •  अथ संक्षिप्त नूतन यज्ञोपवीत धारण प्रयोगः 
    15:43

भाग – 2 पूजन प्रारंभ प्रथम चरण

भाग – 3 पूजन द्वितीय चरण

भाग – 4 स्नानम्

भाग – 5 पंचोपचारैः पूजन

भाग – 6 श्रृंगार पूजन

भाग – 7 आरती

Student Ratings & Reviews

No Review Yet
No Review Yet

Want to receive push notifications for all major on-site activities?

error: Content is protected !!
0
    0
    Your Cart
    Your cart is emptyReturn to Shop