विज्ञान भैरव तंत्र

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About Course

🔱 विज्ञान भैरव तंत्र क्या है?

विज्ञान भैरव तंत्र (Vigyan Bhairav Tantra) एक अत्यंत प्राचीन और गूढ़ शैव तांत्रिक ग्रंथ है, जो कश्मीर शैव दर्शन की धारा से जुड़ा हुआ है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के संवाद के रूप में लिखा गया है।

📜 संवाद का प्रसंग
कथा के अनुसार, एक दिन माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा –

“हे प्रभु, कृपया मुझे वह रहस्य बताइए जिससे मनुष्य सीधे परम सत्य, परमात्मा का अनुभव कर सके।”

इस पर भगवान शिव ने माता पार्वती को 112 ध्यान विधियाँ बताईं, जिन्हें विज्ञान भैरव तंत्र में संकलित किया गया।


✨ इसमें क्या सिखाया गया है?

विज्ञान भैरव तंत्र में कोई धार्मिक अनुष्ठान या बाहरी कर्मकांड की अपेक्षा नहीं है।
इसमें बताया गया है कि —

  • मन, प्राण और इंद्रियों के जरिए हम कैसे परम चेतना को पहचान सकते हैं।

  • वर्तमान क्षण में जीकर हम जन्म–मरण के चक्र से मुक्त हो सकते हैं।

  • ध्यान के 112 तरीके, जो हर इंसान अपने स्वभाव के अनुसार चुन सकता है।


🔍 112 ध्यान विधियों के उदाहरण

  • श्वास पर ध्यान — श्वास के आने–जाने की प्रक्रिया को पूर्ण जागरूकता से देखना।

  • मौन ध्यान — मन में उठने वाले विचारों को देखना, लेकिन उनसे जुड़ना नहीं।

  • ध्वनि ध्यान — किसी एक ध्वनि (जैसे ॐ का जप) में पूरी तरह लीन हो जाना।

  • शून्य ध्यान — खाली आकाश या शून्यता पर ध्यान केंद्रित करना।


📖 विशेषताएँ

  • यह ग्रंथ गूढ़ योग और ध्यान का प्रत्यक्ष विज्ञान है।

  • इसमें कोई धार्मिक बाध्यता नहीं है — कोई भी व्यक्ति इसे अभ्यास कर सकता है।

  • इसे ओशो रजनीश ने अपने प्रवचनों में बहुत विस्तार से समझाया है।


 

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Course Content

विज्ञान भैरव तंत्र क्या है?

  • Video विज्ञान भैरव तंत्र की उत्पत्ति की कथा
    07:49
  • विज्ञान भैरव तंत्र क्या है?
  • संवाद का प्रसंग
  • विज्ञान भैरव तंत्र की उत्पत्ति की कथा
  • 112 ध्यान विधियों का प्रकट होना
  • ग्रंथ का महत्व
  • इसमें क्या सिखाया गया है?
  • 112 ध्यान विधियों के उदाहरण
  • विशेषताएँ

विज्ञान भैरव तंत्र – 112 ध्यान विधियाँ (संक्षेप में)

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